Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “ Phagua dhol baja de  “ , “फगुआ- ढोल बजा दे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

फगुआ- ढोल बजा दे

Phagua dhol baja de 

 

जीवन की

आज अबीर लगा दे

फगुआ- ढोल बजा दे

तेज हुआ रवि

भागी ठिठुरन

शीत-उष्ण-सी

ऋतु की चितवन

अकड़ गई जो

टहनी मन की

उसको तनिक लचा दे

खोलें गाँठ

लगी जो छल की

रिहा करें हम

छवि निश्छल की

जलन मची अनबन की

उस पर

शीतल बैन लगा दे

साल नया है

पहला दिन है

मधुवन-गंध

अभी कमसिन है

सुनो, पपीहे

ऐसे में तू

कोयल के सुर गा दे

 

 

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