देखा तो था यूं ही
Dekha to tha yu hi
देखा तो था यूं ही किसी ग़फ़लत–शिआर ने
दीवाना कर दिया दिले–बेइख़्तियार ने
ऐ आर्ज़ू के धुंधले ख्वाबों! जवाब दो
फिर किसकी याद आई थी मुझको पुकारने?
तुमको ख़बर नहीं मगर इक सादालौह को
बर्बाद कर दिया तिरे दो दिन के प्यार ने
मैं और तुमसे तर्के-मोहब्बत की आरज़ू
दीवाना कर दिया है ग़मे-रोज़गार ने
अब ऐ दिले-तबाह! तिरा क्या ख्याल है
हम तो चले थे काकुले-गेती सँवारने