Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Ghant mant dui kodi pava“ , “घन्त मन्त दुई कौड़ी पावा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

घन्त मन्त दुई कौड़ी पावा

 Ghant mant dui kodi pava

घन्त मन्त दुई कौड़ी पावा

कौड़ी लै के दिल्ली आवा,

दिल्ली हम का चाकर कीन्ह

दिल दिमाग भूसा भर दीन्ह,

भूसा ले हम शेर बनावा

ओह से एक दुकान चलावा,

देख दुकान सब किहिन प्रणाम

नेता बनेन कमाएन नाम,

नाम दिहिस संसद में सीट

ओह पर बैट के कीन्हा बीट,

बीट देख छाई खुशिहाली

जनता हंसेसि बजाइस ताली,

ताली से ऐसी मति फिरी

पुरानी दीवार उठी

नई दीवार गिरी।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.