Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “Rut ki nai kitab si khulne lagi he vah” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रुत की नई किताब-सी खुलने लगी है वह

 
Rut ki nai kitab si khulne lagi he vah

गर्मी की दोपहर का रंग ज़िस्म पर लिए

ख़ुशबू की तरह साँस में घुलने लगी है वह

देखा निगाह भर के तो पलकें फड़क उठीं

रुत की नई किताब सी खुलने लगी है वह

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