बेटियाँ
Betiya
छोड़ कर चली जाती है पत्नी
प्रेमिकाएँ चली जाती हैं छोड़ कर जब
चले जाते हैं छोड़ कर जब दोस्त-यार सारे के सारे
बेटियाँ हाथ थाम लेती हैं आगे बढ़ कर
जवान बेटों की नींद में व्यवधान होता है बाप
व्यवधान होता है बहुओं के निजी सुख में
अपने अकेलेपन में लहू लुहान
जीवित व्यवधान होता है बाप पूरे मकान के वजूद में
व्यवधान को मानकर आशीर्वाद
बेटियाँ सर पर बिठा लेती हैं
सजा लेती हैं आँखों में
पलकों पर उठा लेती हैं बेटियाँ
सब के सब छोड़ कर चले जाते हैं जब