Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “ShinnI“ , “शिन्नी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शिन्नी

Shinni  

कनपटी के पास

फूल की तरह खिल गई है वह

बोल के भीतर से पैदा होती हुई हवाओं में

बिलम्बित के पहले छोर पर

सितार की आवाज़ जैसी वह

अपने नन्हे पैरों पर चल रही है मेरी स्मृति में अब भी

इच्छा के मासूम बिम्ब का नाम है शिन्नी

शिन्नी आत्मीयता के सम्मिलित हस्ताक्षर का नाम है

विदिशा की एक नन्ही बच्ची का नाम है शिन्नी।

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