बाहर ना आओ घर में रहो तुम नशे में हो
Bahar na aao ghar me raho tum nashe me ho
बाहर ना आओ घर में रहो तुम नशे में हो
सो जाओ दिन को रात करो तुम नशे में हो
दरिया से इख्तेलाफ़ का अंजाम सोच लो
लहरों के साथ साथ बहो तुम नशे में हो
बेहद शरीफ लोगो से कुछ फासला रखो
पी लो मगर कभी ना कहो तुम नशे में हो
कागज का ये लिबास चिरागों के शहर में
जरा संभल संभल कर चलो तुम नशे में हो
क्या दोस्तों ने तुम को पिलाई है रात भर
अब दुश्मनों के साथ रहो तुम नशे में हो