फिर मुझको रसखान बना दे
Phir mujhi raskhan bna de
माँ मेरे गूंगे शब्दों को
गीतों का अरमान बना दे .
गीत मेरा बन जाये कन्हाई,
फिर मुझको रसखान बना दे .
देख सकें दुख-दर्द की टोली,
सुन भी सकें फरियाद की बोली,
माँ सारे नकली चेहरों पर
आँख बना दे,कान बना दे.
मेरी धरती के खुदगर्जों ने
टुकड़े-टुकड़े बाँट लिये हैं,
इन टुकड़ों को जोड़ के मैया
सुथरा हिन्दुस्तान बना दे .
गीत मेरा बन जाये कन्हाई,
फिर मुझको रसखान बना दे .