Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Chanan gach banan chi”,”चानन गाछ बनल छी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चानन गाछ बनल छी

 Chanan gach banan chi

चारू कात बसैए विषधर

पोरे-पोर डसल छी

एहि बिखाह जंगल मे हमही

चानन गाछ बनल छी ।

खेत पथार धान उपटा कें

माहुर लोक रोपै अछि

रस्ता पैरा सभठाँ अगबे

रेङनी काँट फुलै अछि

किछु कमलक खातिर, रवि हम

भरि छाती पाँक धसल छी ।

ओलती कें चिनबार न सोहबइ

दूनू मे न पटै अछि

फूटल बासन रेसनिहार

क्यो नहि एहि गाम भेटै अछि

हम तँ युगक भाल सँ

सिनुरक ठोपे जकाँ पोछल छी ।

नव जातिक होलिका हसय

केवल प्रह्लाद जरै अछि

सूर्यक एहि सतलखा महल मे

बादुर आब रहै अछि

हमर मोल द्वापरे कहत

बसुली हम झोल भरल छी ।

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