Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Gamak lok”,”गामक लोक” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गामक लोक

 Gamak lok

बैरङ चिट्ठी जकाँ फिरैए

गामक लोक ।

कस्तूरी मृग जकाँ मरैए

गामक लोक ।

महानगर अपराध करय

बुधियार बनल

आ जरिमाना तकर

भरैए गामक लोक ।

दऽ सर्वस्व जियाबैए

न्यायालय कें

कोना न कहबै

भने लड़ैए गामक लोक ।

सभ इजोत भऽ गेल निपत्ता

साँझहि में

माटिक डिबिया जकाँ

बरैए गामक लोक ।

घरक लाज नाङट भऽ

विज्ञापन बनि गेल

टूटल धनुखा तर

नमरैए गामक लोक ।

मंदिर केर देवांश

पुजारी लूटि रहल

धूजा बनि-बनि कें

फहरैए गामक लोक ।

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