Hindi Poem of Ashok Vajpayee “  Ek baar jo”,”एक बार जो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक बार जो

 Ek baar jo

 

एक बार जो ढल जाएंगे

शायद ही फिर खिल पाएंगे।

फूल शब्द या प्रेम

पंख स्वप्न या याद

जीवन से जब छूट गए तो

फिर न वापस आएंगे।

अभी बचाने या सहेजने का अवसर है

अभी बैठकर साथ

गीत गाने का क्षण है।

अभी मृत्यु से दांव लगाकर

समय जीत जाने का क्षण है।

कुम्हलाने के बाद

झुलसकर ढह जाने के बाद

फिर बैठ पछताएंगे।

एक बार जो ढल जाएंगे

शायद ही फिर खिल पाएंगे।

 

 

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