Hindi Poem of Dinesh Singh “Naye Namune”,”नए नमूने” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नए नमूने

Naye Namune 

कई रंग के फूल बने

काँटे खिल के

नई नस्ल के नये नमूने

बेदिल के

आड़ी-तिरछी

टेढ़ी चालें

पहने नई-नई सब खालें

परत-दर-परत हैं

पँखुरियों के छिलके

फूले नये-

नये मिजाज में

एक अकेले के समाज में

मेले में

अरघान मचाए हैं पिलके

भीतर-भीतर

ठनाठनी है

नोंक-झोंक है, तनातनी है

एक शाख पर

झूला करते

हिलमिल के

व्यर्थ लगें अब

फूल पुराने

हल्की ख़ुशबू के दीवाने

मन में लहका करते थे

हर महफिल के

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