कब तक फूलोगी
Kab tak fulogi
ओ, आँगन की बेल
भला तुम
कब तक फूलोगी?
बिटिया ने पूछा-
जल्दी-जल्दी
कैसे बढ़ती हो?
तुम पकड़ तने को
जकड़, पेड़ पर
कैसे चढ़ती हो?
तुम अभी बेल
कब फल बनकर
शाखों पर झूलोगी?
तुम कब तक फूलोगी?
मैं भी बढ़ती हूँ
साथ तुम्हारे
पलकों को मूंदे
मन को गीला रखती
टपका कर आँसू की बूँदें
मेरा वासंती मन
फूलों से
कब तुम तोलोगी?
तुम कब तक बोलोगी?
यह आग हमारी
राग तुम्हारा
बिजली-बादल है
दोनों को संग-संग
निभना है
जैसा भी कल है
कब अपना राग जगाकर
मेरी आग कबूलोगी?
यूँ कब तक फूलोगी?