Hindi Poem of Divik Ramesh “Jhatpat khao”,”झटपट खाओ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

झटपट खाओ

 Jhatpat khao

सूरज ने भेजा धरती पर

अपनी बेटी किरण धूप को

साथ खेलते धरती ने भी

उगा दिया झट हरी दूब को.

दूब उगी तो देख गाय ने

हिला हिला मुँह उसको खाया

उसको खा कर खूब ढ़ेर सा

दूध थनों में उसके आया

दूध मिला तो दादी माँ ने

जामन दे कर उसे जमाया

दही जमा तो माँ ने उसको

खूब बिलोकर मक्खन पाया

देखा मक्खन तो मन बोला

झटपट भैया इसको खाओ

ताक रहे क्यों खड़े देर से

मत इसको इतना पिघलाओ

पर बोली माँ इसको खा कर

हाथी से तगड़े हो जाओ

मैं बोला माँ लेकिन पहले

सूँड़ कहीं से तो ले आओ।

 

 

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