Hindi Poem of Gopal sing Nepali “Garib ka salam le”,”गरीब का सलाम ले” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गरीब का सलाम ले

 Garib ka salam le

कर्णधार तू बना तो हाथ में लगाम ले

क्राँति को सफल बना नसीब का न नाम ले

भेद सर उठा रहा मनुष्य को मिटा रहा

गिर रहा समाज आज बाजुओं में थाम ले

त्याग का न दाम ले

दे बदल नसीब तो ग़रीब का सलाम ले

यह स्वतन्त्रता नहीं कि एक तो अमीर हो

दूसरा मनुष्य तो रहे मगर फकीर हो

न्याय हो तो आर-पार एक ही लकीर हो

वर्ग की तनातनी न मानती है चाँदनी

चाँदनी लिए चला तो घूम हर मुकाम ले

त्याग का न दाम ले

दे बदल नसीब तो ग़रीब का सलाम ले

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