Hindi Poem of Gopal sing Nepali “Prarthna bani rahi”,” प्रार्थना बनी रही” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रार्थना बनी रही

 Prarthna bani rahi

रोटियाँ ग़रीब की प्रार्थना बनी रही

एक ही तो प्रश्न है रोटियों की पीर का

पर उसे भी आसरा आँसुओं के नीर का

राज है ग़रीब का ताज दानवीर का

तख़्त भी पलट गया कामना गई नहीं

रोटियाँ ग़रीब की प्रार्थना बनी रही

चूम कर जिन्हें सदा क्राँतियाँ गुज़र गईं

गोद में लिये जिन्हें आँधियाँ बिखर गईं

पूछता ग़रीब वह रोटियाँ किधर गई

देश भी तो बँट गया वेदना बँटी नहीं

रोटियाँ ग़रीब की प्रार्थना बनी रही

 

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