Hindi Poem of Naresh Saksena “  Chah December”,”छह दिसंबर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

छह दिसंबर

 Chah December

 

इतिहास के बहुत से भ्रमों में से

एक यह भी है

कि महमूद ग़ज़नवी लौट गया था

लौटा नहीं था वह

यहीं था

सैंकड़ों बरस बाद अचानक

वह प्रकट हुआ अयोध्या में

सोमनाथ में उसने किया था

अल्लाह का काम तमाम

इस बार उसका नारा था

जय श्रीराम।

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