Hindi Poem of Nida Fazli “  Hua savera”,”हुआ सवेरा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हुआ सवेरा

 Hua savera

 

हुआ सवेरा

ज़मीन पर फिर अदब

से आकाश

अपने सर को झुका रहा है

कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं

नदी में स्नान करने सूरज

सुनारी मलमल की

पगड़ी बाँधे

सड़क किनारे

खड़ा हुआ मुस्कुरा रहा है

कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं

हवाएँ सर-सब्ज़ डालियों में

दुआओं के गीत गा रही हैं

महकते फूलों की लोरियाँ

सोते रास्तों को जगा रही

घनेरा पीपल,

गली के कोने से हाथ अपने

हिला रहा है

कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं

फ़रिश्ते निकले रोशनी के

हर एक रस्ता चमक रहा है

ये वक़्त वो है

ज़मीं का हर ज़र्रा

माँ के दिल सा धड़क रहा है

पुरानी इक छत पे वक़्त बैठा

कबूतरों को उड़ा रहा है

कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं

बच्चे स्कूल जा रहे हैं…..

 

 

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