Hindi Poem of Nida Fazli “  Yakeen chand pe suraj me etbar bhi rakh”,”यक़ीन चाँद पे सूरज में ऐतबार भी रख” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

यक़ीन चाँद पे सूरज में ऐतबार भी रख

 Yakeen chand pe suraj me etbar bhi rakh

 

यक़ीन चाँद पे सूरज में ऐतबार भी रख

मगर निगाह में थोड़ा सा इंतिज़ार भी रख.

ख़ुदा के हाथ में मत सौंप सारे कामों को

बदलते वक़्त पे कुछ अपना इख़्तियार भी रख.

ये ही लहू है शहादत ये ही लहू पानी

ख़िज़ाँ नसीब सही ज़ेहन में बहार भी रख.

घरों के ताक़ों में गुल-दस्ते यूँ नहीं सजते

जहाँ हैं फूल वहीं आस-पास ख़ार भी रख.

पहाड़ गूँजें नदी गाए ये ज़रूरी है

सफ़र कहीं का हो दिल में किसी का प्यार भी रख.

 

 

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