अच्छा जो ख़फ़ा हम से हो तुम ऐ सनम अच्छा
Acha jo khafa hum se ho tu ae sanam acha
अच्छा जो ख़फ़ा हम से हो तुम ऐ सनम अच्छा,
लो हम भी न बोलेंगे ख़ुदा की क़सम अच्छा|
मश्ग़ूल क्या चाहिए इस दिल को किसी तौर,
ले लेंगे ढूँढ और कोई यार हम अच्छा|
गर्मी ने कुछ आग और ही सीने में लगा दी,
हर तौर घरज़ आप से मिलना है कम अच्छा|
अग़ियार से करते हो मेरे सामने बातें,
मुझ पर ये लगे करने नया तुम सितम अच्छा|
कह कर गए आता हूँ, कोई दम में मैं तुम पास,
फिर दे चले कल की सी तरह मुझको दम अच्छा|