Hindi Poem of Makhan Lal Chaturvedi “Bali-Panthi se, “बलि-पन्थी से ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

बलि-पन्थी से -माखन लाल चतुर्वेदी

Bali-Panthi se – Makhan Lal Chaturvedi

 

मत व्यर्थ पुकारे शूल-शूल,
कह फूल-फूल, सह फूल-फूल।
हरि को ही-तल में बन्द किये,
केहरि से कह नख हूल-हूल।

कागों का सुन कर्त्तव्य-राग,
कोकिल-काकलि को भूल-भूल।
सुरपुर ठुकरा, आराध्य कहे,
तो चल रौरव के कूल-कूल।

भूखंड बिछा, आकाश ओढ़,
नयनोदक ले, मोदक प्रहार,
ब्रह्यांड हथेली पर उछाल,
अपने जीवन-धन को निहार।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.