Hindi Poem of Ghalib “Husan-e-beparva kharidar-e-mta-e-jalva hai , “हुश्न-ए-बेपरवा ख़रीदार-ए-मता-ए-जलवा है ” Complete Poem for Class 10 and Class 12
Hindi Poem of Ghalib “Husan-e-beparva kharidar-e-mta-e-jalva hai , “हुश्न-ए-बेपरवा ख़रीदार-ए-मता-ए-जलवा है ” Complete Poem for Class 10 and Class 12
हुश्न-ए-बेपरवा ख़रीदार-ए-मता-ए-जलवा है – ग़ालिब
Husan-e-beparva kharidar-e-mta-e-jalva hai -Ghalib
हुस्न-ए-बे-परवा ख़रीदार-ए-माता-ए-जल्वा है
आइना ज़ानू-ए-फ़िक्र-ए-इख़्तिरा-ए-जल्वा है
ता-कुजा ऐ आगही रंग-ए-तमाशा बाख़्तन
चश्म-ए-वा-गर्दीदा आग़ोश-ए-विदा-ए-जल्वा है
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