Hindi Poem of Ashok Chakradhar “Naya Aadmi, “नया आदमी” Complete Poem for Class 10 and Class 12

नया आदमी – अशोक चक्रधर

Naya Aadmi -Ashok Chakradhar

 

डॉक्टर बोला-
दूसरों की तरह
क्यों नहीं जीते हो,
इतनी क्यों पीते हो?

वे बोले-
मैं तो दूसरों से भी
अच्छी तरह जीता हूँ,
सिर्फ़ एक पैग पीता हूँ।
एक पैग लेते ही
मैं नया आदमी
हो जाता हूँ,
फिर बाकी सारी बोतल
उस नए आदमी को ही
पिलाता हूँ।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.