बेटी दे दो
Beti de do
एक शाम को बीरबल और बादशाह अकबर
घूमने के लिए निकले. चलते चलते रास्ते में
एक बड़ा बरगद का वृक्ष दिखाई दिया . उसे
देख कर बीरबल ने कहा – देखिये जहाँपनाह !
कैसा अच्छा वर है ! बादशाह को शरारत सूझी ,
उन्होंने तुरंत कहा , बेटी दे दो . तो बीरबल यह
सुनते ही मारे लज्जा के जमीन में गड़ गए .
आगे चलकर एक बड़ा सुन्दर मकबरा दिखाई दिया ,
उसे देखते ही बरबस बादशाह के मुँह से निकला –
देखो बीरबल ! यह कितना सुन्दर है . तुरंत बीरबल
ने जबाब दिया , सुन्दर है तो पोती दिला दीजिये .
बेचारे बादशाह अकबर समुचित जबाब न पाकर
कुछ न कह सके .