Akbar Birbal Hindi Story, Moral Story “Kuve ka pani”, ”कुंए का पानी” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

कुंए का पानी

 Kuve ka pani

 एक बार एक आदमी ने अपना कुंआ एक किसान को बेच दिया।

अगले दिन जब किसान ने कुंए से पानी खिंचना शुरू किया तो उस व्यक्ति ने किसान से पानी लेने के लिए मना किया। वह बोला, ‘मैंने तुम्हें केवल कुंआ बेचा है ना कि कुंए का पानी।’

किसान बहुत दुखी हुआ और उसने बादशाह अकबर के दरबार में गुहार लगाई।

उसने दरबार में सबकुछ बताया और बादशाह अकबर से इंसाफ मांगा।

बादशाह अकबर ने यह समस्या बीरबल को हल करने के लिए दी।

बीरबल ने उस व्यक्ति को बुलाया जिसने कुंआ किसान को बेचा था।

बीरबल ने पूछा, ‘तुम किसान को कुंए से पानी क्यों नहीं लेने देते? आखिर तुमने कुंआ किसान को बेचा है।’

उस व्यक्ति ने जवाब दिया, ‘बीरबल, मैंने किसान को कुंआ बेचा है ना कि कुंए का पानी। किसान का पानी पर कोई अधिकार नहीं है।’

बीरबल मुस्कुराया और बोला, ‘बहुत खूब, लेकिन देखो, क्योंकि तुमने कुंआ किसान को बेच दिया है, और तुम कहते हो कि पानी तुम्हारा है, तो तुम्हे अपना पानी किसान के कुंए में रखने का कोई अधिकार नहीं है।

अब या तो अपना पानी किसान के कुंए से निकाल लो या फिर किसान को किराया दो।’

वह आदमी समझ गया, कि बीरबल के सामने उसकी दाल नहीं गलने वाली और वह माफी मांग कर वहां से खिसक लिया।

 

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