घाघरा का युद्ध
Ghaghra war
राजपूतो के खिलाफ खंडवा और चंदेरी का युद्ध जीतने के बाद बाबर ने अफगान शासको के खिलाफ रुख किया, वह बिहार और बंगाल के अफगान शासको के सयुक्त सेना से पटना से उपरी घाघरा और गंगा के संगम के किनारे घाघरा के तट पर मिला। बाबर को तोपखाना अफगानों के विरोध अत्यत उपयोगी सिद्ध हुआ । 6 मई, 1529 ई. को बाबर ने ‘घाघरा के युद्ध’ बंगाल एवं बिहार की संयुक्त सेना के खिलाफ लड़ा और उन्हें परास्त किया। घाघरा युद्ध जल एवं थल पर लड़ा गया। परिणामस्वरूप बाबर का साम्राज्य काफी विस्तृत हो गया ।