Ancient India History Notes on “Mugal Shashan kal ka Patan” History notes Bharat ka Madhyakalin Itihas in Hindi for class 9, Class 10, Class 12 and Graduation Classes

मुगल शासन काल का पतन

Mugal Shashan kal ka Patan

मुगल शासन काल का विघटन 1707 में औरंगजेब की मृत्‍यु के बाद आरंभ हो गया था। उनके पुत्र और उत्तराधिकारी, बहादुर शाह जफर पहले ही बूढ़े हो गए थे, जब वे सिहांसन पर बैठे और उन्‍हें एक के बार एक बगावतों का सामना करना पड़ा। उस समय साम्राज्‍य के सामने मराठों और ब्रिटिश की ओर से चुनौतियां मिल रही थी। करो में स्‍फीति और धार्मिक असहनशीलता के कारण मुगल शासन की पकड़ कमजोर हो गई थी। मुगल साम्राज्‍य अनेक स्‍वतंत्र या अर्ध स्‍वतंत्र राज्‍यों में टूट गया। इरान के नादिरशाह ने 1739 में दिल्‍ली पर आक्रमण किया और मुगलों की शक्ति की टूटन को जाहिर कर दिया। यह साम्राज्‍य तेजी से इस सीमा तक टूट गया कि अब यह केवल दिल्‍ली के आस पास का एक छोटा सा जिला रह गया। फिर भी उन्‍होंने 1850 तक भारत के कम से कम कुछ हिस्‍सों में अपना राज्‍य बनाए रखा, जबकि उन्‍हें पहले के दिनों के समान प्रतिष्‍ठा और प्राधिकार फिर कभी नहीं मिला। राजशाही साम्राज्‍य बहादुर शाह द्वितीय के बाद समाप्‍त हो गया, जो सिपाहियों की बगावत में सहायता देने के संदेह पर ब्रिटिश राज द्वारा रंगून निर्वासित कर दिए गए थे। वहां 1862 में उनकी मृत्‍यु हो गई।

इससे भारतीय इतिहास का मध्‍य कालीन युग समाप्‍त हुआ और धीरे धीरे ब्रिटिश राज ने राष्‍ट्र पर अपनी पकड़ बढ़ाई और भारतीय स्‍वतंत्रता संग्राम का जन्‍म हुआ।

 

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