Category: Hindi Poems
प्रति विकास Prati vikas औरत बनती लडकी बगैर लिखे पन्ने की तरह फड़फड़ाई फड़फड़ाई और ख़ुद से अलग हो गई अलग हो गई ख़ुद में वापस न आने के …
मुर्गी कुड़कुड़ाई है Murgi kudkudai he मुर्गी कुड़कुड़ाई है सहेली मुर्गी से अपने जोड़े का चर्चा कर रही है शायद शायद मन पसंद बाँके मुर्गे के लिए कोई पैगाम …
नफ़रत का माहौल Nafrat ka mahol मुहब्बत के खिलाफ़ लामबंद तहजीब का मज़ाक जारी है जारी है फिर भी फूलों का खिलना बर्फ़ का गिरना धूप का हँसना और …
शिन्नी Shinni कनपटी के पास फूल की तरह खिल गई है वह बोल के भीतर से पैदा होती हुई हवाओं में बिलम्बित के पहले छोर पर सितार की …
नया नर्क Naya nark फिर हुआ पृथ्वी पर एक नए नर्क का निर्माण विपत्ति की चपेट में आई भाषा संकट के घेरे में आई अभिव्यक्ति होंठों से पुतलियों की …
नाम पे मेरे हामी भर थी पर हामी से जल गए लोग Naap pe mere hamai bhar thi par hami se jal gye log नाम पे मेरे हामी भर …
बेटियाँ Betiya छोड़ कर चली जाती है पत्नी प्रेमिकाएँ चली जाती हैं छोड़ कर जब चले जाते हैं छोड़ कर जब दोस्त-यार सारे के सारे बेटियाँ हाथ थाम लेती …
अब भी Ab bhi छिपाने लायक कुछ भी नहीं है फिर भी छिपाते जा रहे हैं हम जैसे प्यार तोड़ने लायक कुछ भी नहीं है फिर भी तोड़ते जा …