Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Rang tarbuje ke“ , “रंग तरबूजे का” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रंग तरबूजे का  Rang tarbuje ke रंग तरबूजे का महक खरबूजे की! रो-गाकर आजादी लाए पहन लंगोटी खादी, चार कदम भी चल नहीं पाए इतनी चढ़ गई बादी रंग …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Pyar ek chata“ , “प्‍यार:एक छाता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्‍यार:एक छाता  Pyar ek chata विपदाएँ आते ही, खुलकर तन जाता है हटते ही चुपचाप सिमट ढीला होता है; वर्षा से बचकर कोने में कहीं टिका दो, प्‍यार एक …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Naye saal ki shubhkamnaye“ , “नए साल की शुभकामनाएं !” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नए साल की शुभकामनाएं !  Naye saal ki shubhkamnaye नए साल की शुभकामनाएँ! खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Rishte ki khoj“ , “रिश्ते की खोज” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रिश्ते की खोज  Rishte ki khoj मैंने तुम्हारे दुख से अपने को जोड़ा और – और अकेला हो गया । मैंने तुम्हारे सुख से अपने को जोड़ा और – …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Pichda aadmi“ , “पिछड़ा आदमी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पिछड़ा आदमी  Pichda aadmi जब सब बोलते थे वह चुप रहता था, जब सब चलते थे वह पीछे हो जाता था, जब सब खाने पर टूटते थे वह अलग …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “ Suraj ko nahi dubne dunga“ , “सूरज को नही डूबने दूंगा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सूरज को नही डूबने दूंगा  Suraj ko nahi dubne dunga अब मैं सूरज को नहीं डूबने दूंगा। देखो मैंने कंधे चौड़े कर लिये हैं मुट्ठियाँ मजबूत कर ली हैं …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Sham ek kisan“ , “शाम-एक किसान” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शाम-एक किसान  Sham ek kisan आकाश का साफ़ा बाँधकर सूरज की चिलम खींचता बैठा है पहाड़, घुटनों पर पड़ी है नही चादर-सी, पास ही दहक रही है पलाश के …