Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Mukti ki aakanksha “ , “मुक्ति की आकांक्षा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मुक्ति की आकांक्षा Mukti ki aakanksha   चिडि़या को लाख समझाओ कि पिंजड़े के बाहर धरती बहुत बड़ी है, निर्मम है, वहाँ हवा में उन्हेंर अपने जिस्मब की गंध …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Jade“ , “जड़ें” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जड़ें Jade जड़ें कितनी गहरीं हैं आँकोगी कैसे? फूल से? फल से? छाया से? उसका पता तो इसी से चलेगा आकाश की कितनी ऊँचाई हमने नापी है, धरती पर …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Megh aaye“ , “मेघ आए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेघ आए  Megh aaye मेघ आए बड़े बन-ठन के, सँवर के । आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के । …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Rishte“ , “रिश्ते” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रिश्ते  Rishte खुद कपड़े पहने दूसरे को कपड़े पहने देखना खुद कपड़े पहने दूसरे को कपड़े न पहने देखना खुद कपड़े न पहने दूसरे को कपड़े न पहने देखना …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Tumse alag hokar“ , “तुमसे अलग होकर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुमसे अलग होकर  Tumse alag hokar तुमसे अलग होकर लगता है अचानक मेरे पंख छोटे हो गए हैं, और मैं नीचे एक सीमाहीन सागर में गिरता जा रहा हूँ। …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Tumhare saath rahkar“ , “तुम्हारे साथ रहकर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम्हारे साथ रहकर  Tumhare saath rahkar तुम्हारे साथ रहकर अक्सर मुझे ऐसा महसूस हुआ है कि दिशाएँ पास आ गयी हैं, हर रास्ता छोटा हो गया है, दुनिया सिमटकर …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Andhere ka musafir“ , “अँधेरे का मुसाफ़िर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अँधेरे का मुसाफ़िर  Andhere ka musafir यह सिमटती साँझ, यह वीरान जंगल का सिरा, यह बिखरती रात, यह चारों तरफ सहमी धरा; उस पहाड़ी पर पहुँचकर रोशनी पथरा गयी, …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Ajnabi desh he yah“ , “अजनबी देश है यह” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अजनबी देश है यह  Ajnabi desh he yah अजनबी देश है यह, जी यहाँ घबराता है कोई आता है यहाँ पर न कोई जाता है  जागिए तो यहाँ मिलती …