Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “ Kitna accha hota he , “कितना अच्छा होता है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कितना अच्छा होता है  Kitna accha hota he एक-दूसरे को बिना जाने पास-पास होना और उस संगीत को सुनना जो धमनियों में बजता है, उन रंगों में नहा जाना …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Aksar ek vyatha“ , “अक्सर एक व्यथा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अक्सर एक व्यथा  Aksar ek vyatha अक्सर एक गन्ध मेरे पास से गुज़र जाती है, अक्सर एक नदी मेरे सामने भर जाती है, अक्सर एक नाव आकर तट से …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Surkh hatheliya“ , “सुर्ख़ हथेलियाँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सुर्ख़ हथेलियाँ  Surkh hatheliya पहली बार मैंने देखा भौंरे को कमल में बदलते हुए, फिर कमल को बदलते नीले जल में, फिर नीले जल को असंख्य श्वेत पक्षियों में, …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Leek par ve chale“ , “लीक पर वे चलें” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लीक पर वे चलें  Leek par ve chale लीक पर वे चलें जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने ऐसे अनिर्मित पन्थ प्यारे …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Sab kuch kah lene ke baad“ , “सब कुछ कह लेने के बाद” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सब कुछ कह लेने के बाद  Sab kuch kah lene ke baad सब कुछ कह लेने के बाद कुछ ऐसा है जो रह जाता है, तुम उसको मत वाणी …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Pakodi ki kahani“ , “पकौड़ी की कहानी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पकौड़ी की कहानी  Pakodi ki kahani दौड़ी-दौड़ी आई पकौड़ी छुन-छुन छुन-छुन तेल में नाची, प्लेट में आ शरमाई पकौड़ी। दौड़ी-दौड़ी आई पकौड़ी। हाथ से उछली मुह में पहुँची, पेट …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Aaye mahant vasant“ , “आए महंत वसंत” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आए महंत वसंत  Aaye mahant vasant मखमल के झूल पड़े हाथी-सा टीला बैठे किंशुक छत्र लगा बाँध पाग पीला चंवर सदृश डोल रहे सरसों के सर अनंत आए महंत …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “ Uth meri beti subah ho gai“ , “उठ मेरी बेटी सुबह हो गई” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उठ मेरी बेटी सुबह हो गई  Uth meri beti subah ho gai पेड़ों के झुनझुने, बजने लगे; लुढ़कती आ रही है सूरज की लाल गेंद। उठ मेरी बेटी सुबह …