Category: Hindi Poems
खाली समय में Khali samay me खाली समय में, बैठ कर ब्लेड से नाखून काटें, बढी हुई दाढी में बालों के बीच की खाली जगह छांटे, सर खुजलाएं, जम्हुआए, …
ईश्वर Ishwar बहुत बडी जेबों वाला कोट पहने ईश्वर मेरे पास आया था, मेरी मां, मेरे पिता, मेरे बच्चे और मेरी पत्नी को खिलौनों की तरह, जेब में डालकर …
अंत में Ant me अब मैं कुछ कहना नहीं चाहता, सुनना चाहता हूँ एक समर्थ सच्ची आवाज़ यदि कहीं हो। अन्यथा इससे पूर्व कि मेरा हर कथन हर मंथन …
फसल Fasal हल की तरह कुदाल की तरह या खुरपी की तरह पकड़ भी लूँ कलम तो फिर भी फसल काटने मिलेगी नहीं हम को । हम तो ज़मीन …
सुरों के सहारे Suro ke sahare दूर दूर तक सोयी पड़ी थीं पहाड़ियाँ अचानक टीले करवट बदलने लगे जैसे नींद में उठ चलने लगे। एक अदृश्य विराट हाथ बादलों-सा …
जाड़े की धूप Jade kid hoop बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया ताते जल नहा पहन श्वेत वसन आयी खुले लान बैठ गयी दमकती लुनायी सूरज खरगोश धवल …
दिवंगत पिता के प्रति Divangat pita ke prati सूरज के साथ-साथ सन्ध्या के मंत्र डूब जाते थे, घंटी बजती थी अनाथ आश्रम में भूखे भटकते बच्चों के लौट आने …
आज पहली बार Aaj Pahli bar आज पहली बार थकी शीतल हवा ने शीश मेरा उठा कर चुपचाप अपनी गोद में रक्खा, और जलते हुए मस्तक पर काँपता सा …