Category: Hindi Poems
मैं तुम्हारा शंख हूँ Me tumhara shankh hu ज्योति से करतल किरण सी अँगुलियों में मैं तुम्हारी चेतना का उच्छलित कण मैं तुम्हारा शंख हूँ , तुम फूँक …
जन्नत का नज़ारा Jannat ka nazara बहत्तर कुआँरियाँ एक आदमी के लिये! वाह क्या बात है! यह है जन्नत का नज़ारा! यहाँ तो चार पर ही मन …
अपना घर Apna ghar कहाँ है मेरा घर? जाना चाहती हूँ , रहना चाहती हूँ अब वहीं! छोटी थी तो समझ में नहीं आता था , सुनती थी …
मेरे गीत तुम्हारे Mere geet tumhare मेरे गीत तुम्हारे! ये अभाव के गान, किसी मानस की आकुल तान, व्यथा की क्षण-क्षण की अनुभूति, जहाँ पर आ कर बँधती! …
हल्का-फुल्का Halka Phulka निकल आओ कमरे से बाहर ज़रा , इस खुली अगहनी धूप में बैठ लें! खींच लें प्लास्टिकी कुर्सियाँ ,इस तरफ़ साथ चलती सड़क का किनारा …
याद तुम्हारी आती है Yaad tumhari aati he जब पलकें झपका कर नभ में तारे हँसते, तब मेरे मन को याद तुम्हारी आती है! जब झूम-झूम उठते फूलों …
शब्द मेरे हैं Shabd mere he शब्द मेरे हैं अर्थ मैंने ही दिये ये शब्द मेरे हैं! व्यक्ति औ अभिव्यक्ति को एकात्म करते जो , यों कि मेरे …
अग्नि-संभवा Agni Sambhava कृष्ण ,मेरे मीत! अग्नि संभव द्रौपदी मैं खड़ी अविचल! जल रही अनुताप में , उद्दीप्त पल-पल, क्षुब्ध और! अशान्त! तुम तपन झेलो ,न कोई और! …