Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “ Chamak“ , “चमक” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चमक  Chamak चित्रकार जगदीश स्वामीनाथन के प्रति स्नेह और श्रद्धा के साथ चमक है पसीने की कसी हुई मांसपेशियों पर, चमक है ख़्वाबों की तनी हुई भृकुटी पर । …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Pahad“ , “पहाड़” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पहाड़  Pahad चित्रकार जगदीश स्वामीनाथन के प्रति स्नेह और श्रद्धा के साथ भय से मुक्त किया तुमने पर आशंका से नहीं । जाने कब पहाड़ यह, संतुलन बिगड़े जा …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Hara aur pila“ , “हरा और पीला” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हरा और पीला  Hara aur pila चित्रकार जगदीश स्वामीनाथन के प्रति स्नेह और श्रद्धा के साथ फैले हरे पर क्यों सिमटी पीली रेखा – मैंने ख़ुद को तुम्हारी आँखों …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Ladai Jari he“ , “लड़ाई जारी है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लड़ाई जारी है  Ladai Jari he जारी है-जारी है अभी लड़ाई जारी है। यह जो छापा तिलक लगाए और जनेऊंधारी है यह जो जात पांत पूजक है यह जो …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “ Kud padi hanjuri kuye me“ , “कूद पड़ी हंजूरी कुएँ में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कूद पड़ी हंजूरी कुएँ में  Kud padi hanjuri kuye me काम न मिलने पर अपने तीन भूखे बच्चों को लेकर कूद पड़ी हंजूरी कुएँ में कुएँ का पानी ठंडा …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “ Desh kagaj par bana Naksha nahi hota “ , “ देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता  Desh kagaj par bana Naksha nahi hota  यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में आग लगी हो तो क्या तुम दूसरे कमरे …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “ Jab Jab sir uthaya“ , “जब-जब सिर उठाया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जब-जब सिर उठाया  Jab Jab sir uthaya जब-जब सिर उठाया जब-जब सिर उठाया अपनी चौखट से टकराया। मस्तक पर लगी चोट, मन में उठी कचोट, अपनी ही भूल पर …

Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “ Pathshala Khula do maharaj“ , “पाठशाला खुला दो महाराज” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पाठशाला खुला दो महाराज  Pathshala Khula do maharaj  पाठशाला खुला दो महाराज मोर जिया पढ़ने को चाहे! आम का पेड़ ये ठूंठे का ठूंठा काला हो गया हमरा अंगूठा …