Category: Hindi Poems
चमक Chamak चित्रकार जगदीश स्वामीनाथन के प्रति स्नेह और श्रद्धा के साथ चमक है पसीने की कसी हुई मांसपेशियों पर, चमक है ख़्वाबों की तनी हुई भृकुटी पर । …
पहाड़ Pahad चित्रकार जगदीश स्वामीनाथन के प्रति स्नेह और श्रद्धा के साथ भय से मुक्त किया तुमने पर आशंका से नहीं । जाने कब पहाड़ यह, संतुलन बिगड़े जा …
हरा और पीला Hara aur pila चित्रकार जगदीश स्वामीनाथन के प्रति स्नेह और श्रद्धा के साथ फैले हरे पर क्यों सिमटी पीली रेखा – मैंने ख़ुद को तुम्हारी आँखों …
लड़ाई जारी है Ladai Jari he जारी है-जारी है अभी लड़ाई जारी है। यह जो छापा तिलक लगाए और जनेऊंधारी है यह जो जात पांत पूजक है यह जो …
कूद पड़ी हंजूरी कुएँ में Kud padi hanjuri kuye me काम न मिलने पर अपने तीन भूखे बच्चों को लेकर कूद पड़ी हंजूरी कुएँ में कुएँ का पानी ठंडा …
देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता Desh kagaj par bana Naksha nahi hota यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में आग लगी हो तो क्या तुम दूसरे कमरे …
जब-जब सिर उठाया Jab Jab sir uthaya जब-जब सिर उठाया जब-जब सिर उठाया अपनी चौखट से टकराया। मस्तक पर लगी चोट, मन में उठी कचोट, अपनी ही भूल पर …
पाठशाला खुला दो महाराज Pathshala Khula do maharaj पाठशाला खुला दो महाराज मोर जिया पढ़ने को चाहे! आम का पेड़ ये ठूंठे का ठूंठा काला हो गया हमरा अंगूठा …