Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Hiras“ , “हिरास” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हिरास  Hiras तेरे होंठों पे तबस्सुम की वो हलकी-सी लकीर मेरे तख़ईल में  रह-रह के झलक उठती है यूं अचानक तिरे आरिज़ का ख़याल आता है जैसे ज़ुल्मत में …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Mere geet tumhare he“ , “मेरे गीत तुम्हारे हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरे गीत तुम्हारे हैं  Mere geet tumhare he अब तक मेरे गीतों में उम्मीद भी थी पसपाई भी मौत के क़दमों की आहट भी, जीवन की अंगड़ाई भी मुस्तकबिल …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Fankar“ , “फ़नकार” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

फ़नकार  Fankar मैंने जो गीत तिरे प्यार की ख़ातिर लिक्खे आज उन गीतों को बाज़ार में ले आया हूँ आज दुक्कान पे नीलाम उठेगा उनका तूने जिन गीतों पे …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Subhe noroz“ , “सुबहे-नौरोज़” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सुबहे-नौरोज़  Subhe noroz फूट पड़ी मशरिक से किरने हाल बना माज़ी का फ़साना, गूंजा मुस्तकबिल का तराना भेजे हैं एहबाब ने तोहफ़े, अटे पड़े हैं मेज़ के कोने दुल्हन …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Ek taraf se gujre the kafile baharo ke“ , “इस तरफ से गुज़रे थे काफ़िले बहारों के” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इस तरफ से गुज़रे थे काफ़िले बहारों के  Ek taraf se gujre the kafile baharo ke इस तरफ से गुज़रे थे काफ़िले बहारों के आज तक सुलगते हैं ज़ख्म …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Kuch ktaye“ , “कुछ कत’ए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कुछ कत’ए  Kuch ktaye चन्द कलियाँ निशात की चुनकर मुद्दतों मह्वे-यास रहता हूँ तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ  तपते दिल पर …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Ek mulakat“ , “एक मुलाक़ात” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक मुलाक़ात Ek mulakat तिरी तड़प से न तड़पा था मेरा दिल,लेकिन तिरे सुकून से बेचैन हो गया हूँ मैं ये जान कर तुझे जाने कितना ग़म पहुचें कि …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Dekha to tha yu hi“ , “देखा तो था यूं ही” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

देखा तो था यूं ही  Dekha to tha yu hi देखा तो था यूं ही किसी ग़फ़लत–शिआर ने दीवाना कर दिया दिले–बेइख़्तियार ने ऐ आर्ज़ू के धुंधले ख्वाबों! जवाब …