Category: Hindi Poems
हिरास Hiras तेरे होंठों पे तबस्सुम की वो हलकी-सी लकीर मेरे तख़ईल में रह-रह के झलक उठती है यूं अचानक तिरे आरिज़ का ख़याल आता है जैसे ज़ुल्मत में …
मेरे गीत तुम्हारे हैं Mere geet tumhare he अब तक मेरे गीतों में उम्मीद भी थी पसपाई भी मौत के क़दमों की आहट भी, जीवन की अंगड़ाई भी मुस्तकबिल …
फ़नकार Fankar मैंने जो गीत तिरे प्यार की ख़ातिर लिक्खे आज उन गीतों को बाज़ार में ले आया हूँ आज दुक्कान पे नीलाम उठेगा उनका तूने जिन गीतों पे …
सुबहे-नौरोज़ Subhe noroz फूट पड़ी मशरिक से किरने हाल बना माज़ी का फ़साना, गूंजा मुस्तकबिल का तराना भेजे हैं एहबाब ने तोहफ़े, अटे पड़े हैं मेज़ के कोने दुल्हन …
इस तरफ से गुज़रे थे काफ़िले बहारों के Ek taraf se gujre the kafile baharo ke इस तरफ से गुज़रे थे काफ़िले बहारों के आज तक सुलगते हैं ज़ख्म …
कुछ कत’ए Kuch ktaye चन्द कलियाँ निशात की चुनकर मुद्दतों मह्वे-यास रहता हूँ तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ तपते दिल पर …
एक मुलाक़ात Ek mulakat तिरी तड़प से न तड़पा था मेरा दिल,लेकिन तिरे सुकून से बेचैन हो गया हूँ मैं ये जान कर तुझे जाने कितना ग़म पहुचें कि …
देखा तो था यूं ही Dekha to tha yu hi देखा तो था यूं ही किसी ग़फ़लत–शिआर ने दीवाना कर दिया दिले–बेइख़्तियार ने ऐ आर्ज़ू के धुंधले ख्वाबों! जवाब …