Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Shikast“ , “शिकस्त” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शिकस्त  Shikast अपने सीने से लगाये हुये उम्मीद की लाश मुद्दतों ज़ीस्त1 को नाशाद2 किया है मैनें तूने तो एक ही सदमे से किया था दो चार दिल को …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Hiras“ , “हिरास” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हिरास Hiras  तेरे होंठों पे तबस्सुम की वो हलकी-सी लकीर मेरे तख़ईल में  रह-रह के झलक उठती है यूं अचानक तिरे आरिज़ का ख़याल आता है जैसे ज़ुल्मत में …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Farar“ , “फ़रार” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

फ़रार  Farar अपने माज़ी के तसव्वुर से हिरासांहूँ मैं अपने गुज़रे हुए ऐयाम से नफरत है मुझे अपनी बेकार तमन्नाओं पे शर्मिंदा हूँ अपनी बेसूद उम्मीदों पे नदामत है …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Mere sarkash tarane sun ke duniya ye samajhti he” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरे सरकश तराने सुन के दुनिया ये समझती है  Mere sarkash tarane sun ke duniya ye samajhti he मेरे सरकश तराने सुन के दुनिया ये समझती है कि शायद …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Mohobbat tark ki mene gareba si liya me“ , “मोहब्बत तर्क की मैंने गरेबाँ सी लिया मैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मोहब्बत तर्क की मैंने गरेबाँ सी लिया मैं  Mohobbat tark ki mene gareba si liya me मोहब्बत तर्क की मैंने गरेबाँ सी लिया मैं ज़माने अब तो ख़ुश हो …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Saja ka haal sunaye jaja ki bat kare“ , “सज़ा का हाल सुनाये जज़ा की बात करें” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सज़ा का हाल सुनाये जज़ा की बात करें  Saja ka haal sunaye jaja ki bat kare सज़ा का हाल सुनाये जज़ा की बात करें ख़ुदा मिला हो जिन्हें वो …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Radd e amal“ , “रद्द-ए-अमल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रद्द-ए-अमल  Radd e amal चंद कलियां निशात की चुनकर मुद्दतों महवे यास रहता हूं तेरा मिलना खुशी की बात सही तुझ से मिलकर उदास रहता हूं Related posts: Hindi …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Jab kabhi un ke tavajjo me kami pai gai“ , “जब कभी उन के तवज्जो में कमी पाई गई” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जब कभी उन के तवज्जो में कमी पाई गई  Jab kabhi un ke tavajjo me kami pai gai जब कभी उन के तवज्जो में कमी पाई गई अज़ सर-ए-नव-ए-दास्तान-ए-शौक़ …