Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Zindagi se uns he“ , “ज़िन्दगी से उन्स है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ज़िन्दगी से उन्स है  Zindagi se uns he ज़िन्दगी से उन्स है, हुस्न से लगाव है धड़कनों में आज भी इश्क़ का अलाव है दिल अभी बुझा नहीं, रंग …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Sanjh ki lali sulag sulag kar“ , “सांझ की लाली सुलग-सुलग कर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सांझ की लाली सुलग-सुलग कर  Sanjh ki lali sulag sulag kar सांझ की लाली सुलग-सुलग कर बन गई काली धूल आए न बालम बेदर्दी मैं चुनती रह गई फूल …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Maa “ , “माँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

माँ  Maa   खुशियों की क्रीम परसने को दुःखों का दही बिलोती है पूरे अनुभव एक तरफ हैं मइया के अनुभव के आगे जब भी उसके पास गए हम …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Pita “ , “पिता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पिता  Pita   मैं रोया तो मुझे चुपाया ‘बिल्ली आई’ कह बहलाया मुश्किल में जीवन जीने की- कला सिखाए पिता हमाए नदिया में मुझको नहलाया झूले में मुझको झुलवाया …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Tukda kagaz ka “ , “टुकड़ा काग़ज़ का” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

टुकड़ा काग़ज़ का  Tukda kagaz ka   उड़ता जाए टुकड़ा कागज़ का कभी पेट की चोटों को आँखों में भर लाता कभी अकेले में भीतर की टीसों को गाता …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Har cheej jamane ki jaha par thi“ , “हर चीज़ ज़माने की जहाँ पर थी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हर चीज़ ज़माने की जहाँ पर थी  Har cheej jamane ki jaha par thi हर चीज़ ज़माने की जहाँ पर थी वहीं है, एक तू ही नहीं है नज़रें …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Vigyapan ki chakachondh“ , “विज्ञापन की चकाचौंध” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

विज्ञापन की चकाचौंध  Vigyapan ki chakachondh   कहता कोई विज्ञापन के पर्चों से हम जिसका निर्माण करेंगे तेरी वही जरूरत होगी जस-जस सुरसा बदनु बढ़ावा तस-तस कपि की मूरत …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Madam“ , “मादाम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मादाम  Madam आप बेवजह परेशान-सी क्यों हैं मादाम? लोग कहते हैं तो फिर ठीक ही कहते होँगे मेरे अहबाब ने तहज़ीब न सीखी होगी मेरे माहौल में इन्सान न …