Category: Hindi Poems
केशव मेरे Keshav mere जितना, जो भी तुमको पाना सखा सहज तुम केशव मेरे हर पल यह मन तुमको टेरे लगे अधूरा, जीवन का तुम बिन हर गाना …
श्रम की मंडी Shram ki mandi ढीला कालू मुट्ठी- झरती बालू तीन दिनों से आटा गीला हुआ भूख से बच्चा पीला जो भी देखे घूरे ऐसे ज्यों शिकार …
रेल- जिन्दगी Rail Jindagi रेल ज़िंदगी कब तक? कितना सफ़र सुहाना धक्का-मुक्की भीड़-भड़क्का बात-बात पर चौका-छक्का चोट किसी को लेकिन किसकी ख़त्म कहानी किसने जाना एक आदमी दस …
वह परवाज़ Vah Parvaz रामभरोसे आज नदी चढ़ी है सागर गहरा पार उसे ही करना सोच रहा वह नैया छोटी और धार पर तिरना छोटे-छोटे चप्पू मेरे साहस-धीरज-लाज …
खून अपना हो या पराया हो Khun apna ho ya paraya ho ख़ून अपना हो या पराया हो नस्ले-आदम का ख़ून है आख़िर जंग मग़रिब में हो कि मशरिक …
चुप बैठा धुनिया Chup Betha dhuniya चुप बैठा धुनिया भीड़-भाड़ वह चहल पहल वह बन्द द्वार का एक महल वह ढोल मढ़ी-सी लगती दुनिया मेहनत के मुँह बँध …
परछाइयाँ Parchaiya जवान रात के सीने पे दूधिया आँचल मचल रहा है किसी ख्वाबे-मरमरीं की तरह हसीन फूल, हसीं पत्तियाँ, हसीं शाखें लचक रही हैं किसी जिस्मे-नाज़नीं की …
फगुआ- ढोल बजा दे Phagua dhol baja de जीवन की आज अबीर लगा दे फगुआ- ढोल बजा दे तेज हुआ रवि भागी ठिठुरन शीत-उष्ण-सी ऋतु की चितवन अकड़ …