Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Keshav mere “ , “केशव मेरे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

केशव मेरे  Keshav mere   जितना, जो भी तुमको पाना सखा सहज तुम केशव मेरे हर पल यह मन तुमको टेरे लगे अधूरा, जीवन का तुम बिन हर गाना …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Shram ki mandi “ , “श्रम की मंडी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

श्रम की मंडी  Shram ki mandi   ढीला कालू मुट्ठी- झरती बालू तीन दिनों से आटा गीला हुआ भूख से बच्चा पीला जो भी देखे घूरे ऐसे ज्यों शिकार …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Rail Jindagi“ , “रेल- जिन्दगी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

रेल- जिन्दगी  Rail Jindagi   रेल ज़िंदगी कब तक? कितना सफ़र सुहाना धक्का-मुक्की भीड़-भड़क्का बात-बात पर चौका-छक्का चोट किसी को लेकिन किसकी ख़त्म कहानी किसने जाना एक आदमी दस …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Vah Parvaz “ , “वह परवाज़” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

वह परवाज़  Vah Parvaz   रामभरोसे आज नदी चढ़ी है सागर गहरा पार उसे ही करना सोच रहा वह नैया छोटी और धार पर तिरना छोटे-छोटे चप्पू मेरे साहस-धीरज-लाज …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Khun apna ho ya paraya ho“ , “खून अपना हो या पराया हो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

खून अपना हो या पराया हो  Khun apna ho ya paraya ho ख़ून अपना हो या पराया हो नस्ले-आदम का ख़ून है आख़िर जंग मग़रिब में हो कि मशरिक …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Chup Betha dhuniya “ , “चुप बैठा धुनिया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

चुप बैठा धुनिया  Chup Betha dhuniya   चुप बैठा धुनिया भीड़-भाड़ वह चहल पहल वह बन्द द्वार का एक महल वह ढोल मढ़ी-सी लगती दुनिया मेहनत के मुँह बँध …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Parchaiya“ , “परछाइयाँ  ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

परछाइयाँ   Parchaiya जवान रात के सीने पे दूधिया आँचल मचल रहा है किसी ख्वाबे-मरमरीं की तरह हसीन फूल, हसीं पत्तियाँ, हसीं शाखें लचक रही हैं किसी जिस्मे-नाज़नीं की …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “ Phagua dhol baja de  “ , “फगुआ- ढोल बजा दे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

फगुआ- ढोल बजा दे Phagua dhol baja de    जीवन की आज अबीर लगा दे फगुआ- ढोल बजा दे तेज हुआ रवि भागी ठिठुरन शीत-उष्ण-सी ऋतु की चितवन अकड़ …