Category: Hindi Poems
पंच गाँव का Panch Ganv ka झूम चाल है लगते कुछ बेढंगे इज्जत इनसे दूर कि इनकी जेबों में हैं दंगे दबंगई की दाढ़ लगी है कैसी आदमखोरी …
तेरी आवाज़ Teri Awaz रात सुनसान थी, बोझल थी फज़ा की साँसें रूह पे छाये थे बेनाम ग़मों के साए दिल को ये ज़िद थी कि तू आए तसल्ली …
सर्वोत्तम उद्योग Sarvottam Uddhyog पर्वत दुख का ऐसा बने सुयोग गलाकाट इस कंप्टीशन में मुश्किल सर्वप्रथम आ जाना शिखर गए पा किसी तरह तो मुश्किल है उस पर …
ताजमहल Tajmahal ताज तेरे लिये इक मज़हर-ए-उल्फ़तही सही तुझको इस वादी-ए-रंगींसे अक़ीदत ही सही मेरी महबूब कहीं और मिला कर मुझ से! बज़्म-ए-शाही में ग़रीबों का गुज़र क्या मानी …
पगडंडी Pagdandi पगडंडी पर कौन चलेगा? पगडंडी जो मिल न सकी है राजपथों से, शहरों से जिसका भारत केवल-केवल खेतों से औ’ गाँवों से इस अतुल्य भारत पर …
तुम्हें उदास सा पाता हूँ मैं काई दिन से Tumhe udas sa pata hu me kai din se तुम्हें उदास-सा पाता हूँ मैं कई दिन से न जाने कौन …
अपना गाँव-समाज Apna ganv samaj अपना गाँव-समाज छोड़ दिया है चौपालों ने मिलना-जुलना आज बीन-बान लाता था लकड़ी अपना दाऊ बागों से धर अलाव भर देता था, फिर …
ख़ुद्दारियों के ख़ून को अरज़ां न कर सके Khuddariyo ke khun ko arja na kar sake ख़ुद्दारियों के ख़ून को अरज़ाँ न कर सके हम अपने जौहरों को नुमायाँ …