Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Panch Ganv ka “ , “पंच गाँव का” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पंच गाँव का  Panch Ganv ka   झूम चाल है लगते कुछ बेढंगे इज्जत इनसे दूर कि इनकी जेबों में हैं दंगे दबंगई की दाढ़ लगी है कैसी आदमखोरी …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Teri Awaz“ , “तेरी आवाज़” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तेरी आवाज़  Teri Awaz रात सुनसान थी, बोझल थी फज़ा की साँसें रूह पे छाये थे बेनाम ग़मों के साए दिल को ये ज़िद थी कि तू आए तसल्ली …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “ Sarvottam Uddhyog “ , “सर्वोत्तम उद्योग” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सर्वोत्तम उद्योग Sarvottam Uddhyog   पर्वत दुख का ऐसा बने सुयोग गलाकाट इस कंप्टीशन में मुश्किल सर्वप्रथम आ जाना शिखर गए पा किसी तरह तो मुश्किल है उस पर …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Tajmahal“ , “ताजमहल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ताजमहल  Tajmahal ताज तेरे लिये इक मज़हर-ए-उल्फ़तही सही तुझको इस वादी-ए-रंगींसे अक़ीदत ही सही मेरी महबूब कहीं और मिला कर मुझ से! बज़्म-ए-शाही में ग़रीबों का गुज़र क्या मानी …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Pagdandi“ , “पगडंडी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पगडंडी  Pagdandi   पगडंडी पर कौन चलेगा? पगडंडी जो मिल न सकी है राजपथों से, शहरों से जिसका भारत केवल-केवल खेतों से औ’ गाँवों से इस अतुल्य भारत पर …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Tumhe udas sa pata hu me kai din se“ , “तुम्हें उदास सा पाता हूँ मैं काई दिन से” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तुम्हें उदास सा पाता हूँ मैं काई दिन से  Tumhe udas sa pata hu me kai din se तुम्हें उदास-सा पाता हूँ मैं कई दिन से न जाने कौन …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Apna ganv samaj “ , “अपना गाँव-समाज” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अपना गाँव-समाज  Apna ganv samaj   अपना गाँव-समाज छोड़ दिया है चौपालों ने मिलना-जुलना आज बीन-बान लाता था लकड़ी अपना दाऊ बागों से धर अलाव भर देता था, फिर …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Khuddariyo ke khun ko arja na kar sake” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

ख़ुद्दारियों के ख़ून को अरज़ां न कर सके  Khuddariyo ke khun ko arja na kar sake ख़ुद्दारियों के ख़ून को अरज़ाँ न कर सके हम अपने जौहरों को नुमायाँ …