Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Na to karva ki talash he“ , “न तो कारवाँ की तलाश है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

न तो कारवाँ की तलाश है  Na to karva ki talash he ना तो कारवाँ की तलाश है, ना तो हमसफ़र की तलाश है मेरे शौक़-ए-खाना खराब को, तेरी …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “ Hum Banjare “ , “हम बंजारे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

हम बंजारे  Hum Banjare   मारे-मारे फिरते-रहते गली-गली जलती भट्ठी तपता लोहा नए रंग ने है मन मोहा चाहें जैसा मोड़ें वैसा धरे निहाई अली-बली नए-नए- औज़ार बनाएँ नाविक …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “Mene tujhe manga tujhe paya he“ , “मैंने तुझे माँगा तुझे पाया है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मैंने तुझे माँगा तुझे पाया है  Mene tujhe manga tujhe paya he मैंने तुझे माँगा तुझे पाया है तूने मुझे माँगा मुझे पाया है आगे हमें जो भी मिले …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “  Nid bulaye “ , “नीड़ बुलाए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नीड़ बुलाए  Nid bulaye   वापस आओ सूना नीड़ बुलाए फूली सरसों खेत हमारे रंगहीन है बिना तुम्हारे छत पर मोर नाचने आता सुगना शोर मचाए आँचल-धानी तुमको हेरे …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Kah du tumhe ya chup rahu“ , “कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ  Kah du tumhe ya chup rahu कह दूँ तुम्हें या चुप रहूँ दिल में मेरे आज क्या है कह दूँ तुम्हें या चुप …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “ Bin bataye kaha gye “ , “बिना बताए कहाँ गए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बिना बताए कहाँ गए  Bin bataye kaha gye   तुम बिन मेरे पिंजरे में दिन-रात रजनीगन्धा दहे रात भर जागे-हँसे चमेली देह हुई निष्पंद कि जैसे सूनी खड़ी हवेली …

Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Mere dil me aaj kya he“ , “मेरे दिल में आज क्या है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरे दिल में आज क्या है  Mere dil me aaj kya he मेरे दिल में आज क्या है तू कहे तो मैं बता दूँ तेरी ज़ुल्फ़ फिर सवारूँ तेरी …

Hindi Poem of Ashniv Singh Chaohan “ Gagan me Badra , “गगन में बदरा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गगन में बदरा  Gagan me Badra   आये बदरा छाये आते ही झट लगा खेलने सूरज आँख-मिचौनी घुले-मिले तो ऐसे-जैसे मिसरी के संग नैनी बाट जोहते रहे बटोही धूप-छाँव …