Category: Hindi Poems
एक जलधारा से संवाद Ek Jaldhara se samvad जैसे मैं यहाँ बैठा हूँ आपके समीप देख सकता हूँ मैं वह सब कुछ जो प्रकट हुआ है यहाँ पर …
सुनहरा तोता Sunahra tota एक लाश इस परित्यक्त स्थान पर न आएगा कोई प्रेमी थामने मुझे न ही कोई होठ चूमेंगे मेरा चेहरा कसके पकड़ रक्खी है मैंने …
रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ Rang aur noor ki barat kise pesh karu रंग और नूर की बारात किसे पेश करूँ ये मुरादों की हंसीं रात …
बोधिसत्त्व Bodhisattav आप वहाँ हैं यद्यपि मैं व्यक्त नहीं कर सकता किन्तु देख रहा हूँ अब मैं आपको अधिक स्पष्ट आप ही हैं प्रथम दृष्टा आप ही हैं …
नीले गगन के तले Nile gagan ke tale हेऽऽऽऽऽऽऽ, नीले गगन के तले, धरती का प्यार पले ऐसे ही जग में, आती हैं सुबहें ऐसे ही शाम ढले हेऽऽऽऽऽऽऽ, …
ब्रह्मांड का माली Brahmand ka mali आपको आपने पुकारा मुझे ‘कवि’ कहकर ‘सावधान!’ गंभीरता से आपने चेताया ‘अभिमान’ और ‘नम्रता’ प्रतीत होते हैं जुड़वां किन्तु जनक अलग हैं …
जरूरी नहीं Jaruri nahi जरूरी नहीं जो पढ़ा है तुमने पढ़ा सकोगे जिनके घर जिनके घर बने हुए शीशे के लगाते पर्दे डर घर-घर में फैला रहे हैं …
किसी पत्थर की मूरत से मुहब्बत का इरादा है Kisi patthar ki murat se muhabbat ka irada he किसी पत्थर की मूरत से मुहब्बत का इरादा है परस्तिश की …