Category: Hindi Poems
सागर से मिलकर Sagar se milkar नदी खारी हो जाती है तबीयत वैसे ही भारी हो जाती है मेरी सम्पन्नों से मिलकर व्यक्ति से मिलने का अनुभव नहीं …
दिल कहे रुक जा रे रुक जा, यहीं पे कहीं Dil kahe suk ja re ruk ja yahi pe kahi दिल कहे रुक जा रे रुक जा, यहीं पे …
बहुत छोटी जगह Bahut choti jagah जिसमें इन दिनों इजाज़त है मुझे चलने फिरने की फिर भी बड़ी गुंजाइश है इसमें तूफानों के घिरने की कभी बच्चे लड़ …
हुस्न हाज़िर है मुहब्बत की सज़ा पाने को Husn hazir he muhabbat ki saja pane ko हुस्न हाज़िर है मुहब्बत की सज़ा पाने को कोई पत्थर से न मारे …
चाँदनी से तरबतर Chandani se tarbatar वन के वृक्ष वृक्षों पर सटी बैठी हुई झंकारवन्ती झिल्लियाँ सब याद है फिर न उतना सुख न इतना दुख मिले फ़रियाद …
तेरे दर पे आया हूँ कुछ कर के जाऊँगा Tere dar pe aaya hu kuch kar ke jaunga तेरे दर पे आया हूँ कुछ कर के जाऊँगा झोली भर …
अब अगर हमसे ख़ुदाई भी खफ़ा हो जाए Ab agar hamse khudai bhi khafa ho jaye अब अगर हमसे ख़ुदाई भी खफ़ा हो जाए गैर-मुमकिन है कि दिल दिल …
धुँधला है चन्द्रमा Dhundhla he chandrama सोया है मैदान घास का ओढ़े हुए धुंधली–सी चाँदनी और गंध घास की फैली है मेरे आसपास और जहाँ तक जाता हूँ …