Category: Hindi Poems
हँसी आ रही है Hansi aa rahi he कि क्या घेरते हो अंधेरे में मुझको! बँधा है हर एक नूर मुट्ठी में मेरी बचा कर अंधेरे के घेरे …
सुबह हो गई है Subah ho gai he मैं कह रहा हूँ सुबह हो गई है मगर क्या हो गया है तुम्हें कि तुम सुनते नहीं हो अपनी …
मैं क्यों लिखता हूँ Me Kyo likhta hu कविताएँ लिखता आ रहा हूँ अब कोई पूछे मुझसे कि क्या मिलता है तुम्हें ऐसा कविताएँ लिखने से जैसे अभी …
राजधानी में Rajdhani me अचानक सब कुछ हिलता हुआ थम गया है भव्य अश्वमेघ के संस्कार में घोड़ा ही बैठ गया पसरकर अब कहीं जाने से क्या लाभ? तुम …
लफ्फा़ज़ मैं बनाम निराला Lafaz me banam nirala एक तस्वीर! मेरे मन में है एक ऐसी झाँकी जो मेरे शब्दों ने कभी नहीं आँकी शायद इसीलिए कि, हो …
कन्यादान Kanyadan कितना प्रामाणिक था उसका दुख लड़की को दान में देते वक़्त जैसे वही उसकी अंतिम पूंजी हो लड़की अभी सयानी नहीं थी अभी इतनी भोली सरल थी …
महारथी Maharathi अनन्त काल से रथ पर सवार है और सच चल रहा है पाँव-पाँव नदी पहाड़ काँटे और फूल और धूल और ऊबड़-खाबड़ रास्ते सब सच ने …
कोड Code भाषा को उलट कर बरतना चाहिए मैं उन्हें नहीं जानता यानी मैं उन्हें बख़ूबी जानता हूं वे बहुत बड़े और महान् लोग हैं यानी वे बहुत ओछे, …