Category: Hindi Poems
स्नेह-पथ Sneh Path हो परिचित या परिचय विहीन तुम जिसे समझते रहे बड़ा या जिसे मानते रहे दीन यदि कभी किसी कारण से उसके यश पर उड़ती दिखे …
पाँवों के निशान Pavo ke nishan अदृश्य मनुष्यों के पाँव छपे हैं कँक्रीट की सड़क पर जब सीमेण्ट-रोड़ी डाली होंगी वे नंगे पाँव अपार फुर्ती से दौड़े होंगे यहाँ …
तुम कागज पर लिखते हो Tum kagaz par likhte ho वह सड़क झाड़ता है तुम व्यापारी वह धरती में बीज गाड़ता है । एक आदमी घड़ी बनाता एक …
ज्ञानीजन Gyanijan ज्ञान के आतंक में मेरे घर का अन्धेरा बाहर निकलने से डरता है ज्ञानीजन हँसते हैं बन्द खिड़कियाँ देखकर उधड़े पलस्तर पर बने अकारण भुतैले चेहरों पर …
उठो Utho चुप मसान में बैठे-बैठे दुःख सोचना, दर्द सोचना! शक्तिहीन कमज़ोर तुच्छ को हाज़िर नाज़िर रखकर सपने बुरे देखना! टूटी हुई बीन को लिपटाकर छाती से राग …
सेवाग्राम Sevagram कई तरह के समय थे वे लोग सबके दस्तावेज तैयार करने में लगे थे कुछ ही पढ़े जाने थे मेरे समय में दूसरों के समय ने प्राणघातक …
घर की याद Ghar ki yaad बहुत पानी गिर रहा है, रात भर गिरता रहा है, प्राण मन घिरता रहा है, अब सवेरा हो गया है, कब सवेरा …
परिसर Parisar जंगली फूलों ने लॉन के फूलों से पूछा, बताओ क्या दुःख है क्यों सूखे जा रहे हो दिन प्रतिदिन मरे जा रहे हो!! पीले, लाल, जामुनी, सफेद, …