Category: Hindi Poems
गीत-फ़रोश Geet Farosh मैं तरह-तरह के गीत बेचता हूँ; मैं क़िसिम-क़िसिम के गीत बेचता हूँ। जी, माल देखिए दाम बताऊँगा, बेकाम नहीं है, काम बताऊंगा; कुछ गीत लिखे …
दर्शन Darshan आदमी के बनाए हुए दर्शन में दिपदिपाते हैं सर्वशक्तिमान उनकी साँवली बड़ी आँखों में कुछ प्रेम, कुछ उदारता, कुछ गर्वीलापन है भव्य वह भी कम नही है …
वाणी की दीनता Vani ki Dinta अपनी मैं चीन्हता! कहने में अर्थ नहीं कहना पर व्यर्थ नहीं मिलती है कहने में एक तल्लीनता! आस पास भूलता हूँ जग …
शरीर Shareer सारे रहस्य का उद्घाटन हो चुका और तुम में अब भी उतनी ही तीव्र वेदना है आनंद के अंतिम उत्कर्ष की खोज के समय की वेदना असफल …
बेदर्द Bedard मन को मानो सूखने के ख़याल से रस्सी पर डाल दिया है और मन सूख रहा है बचा-खुचा दर्द जब उड़ जाएगा तब फिर पहन लूँगा …
लहर Lahar द्वार के भीतर द्वार द्वार और द्वार और सबके अंत में एक नन्हीं मछली जिसे हवा की ज़रूरत है प्रत्येक द्वार में अकेलापन भरा है प्रत्येक द्वार …
आराम से भाई ज़िन्दगी Aram se bhai zindagi ज़रा आराम से तेज़ी तुम्हारे प्यार की बर्दाशत नहीं होती अब इतना कसकर किया आलिंगन ज़रा ज़्यादा है जर्जर इस …
फलक Falak खेत को देखना किसी बड़े कलाकार के चित्र को देखने जैसा है विशाल काली पृष्ठभूमि जिस पर हरी धारियाँ मानो सावन में धरती ने ओढ़ा हो लहरिया …