Category: Hindi Poems
अश्रु-सरिता के किनारे Ashru sarita ke kinare अश्रु-सरिता के किनारे एक ऐसा फूल है जो कभी कुम्हलाता नहीं है! दूर उन सुनसान जीवन-घाटियों के बीच की अनजान सी …
अभिशप्त Abhishapt रात का धुँधलका, सिर्फ़ तारों की छाँह, मैंने देखा मन्दिर से निकल कर एक छायामूर्ति चली जा रही है विजन वन की ओर! आश्चर्य-चकित मैंने पूछा, …
अपराधी Apradhi बिगाड़ना बहुत आसान है – उसके लिये जो बना नहीं सकता! पशुबल सबसे प्रबल है, कि विवेक से नाता नहीं रखता, जुनून जो कर ड़ाले, भविष्य …
यात्री Yatri मौन, मैं अनजान फिर बोलो कहाँ आवास मेरा! जिन्दगी की राह रुकने को नहीं विश्राम-बेला, आज है यदि साथ लेकिन कल कहीं रहना अकेला! राह में …
सोने का हिरन Sone ka hiran काहे राम जी से माँग लिया सोने का हिरन, सोनेवाली लंका में जा के रह ले सिया! अनहोनी ना विचारी जो था …
साँझ – धुबिनियाँ Sanjh ghubiniya रंग-बिरंगी अपनी गठरी खोल के, साँझधुबिनियाँ नभ के तीर उदास सी, लटका अपने पाँव क्षितिज के घाट पे थक कर बैठ गई ले …
पुत्रवधू से Putravadhu se द्वार खडा हरसिंगार फूल बरसाता है तुम्हारे स्वागत मे, पधारो प्रिय पुत्र- वधू! ममता की भेंट लिए खडी हूँ कब से, सुनने को तुम्हारे …
एक जनम Ek janam मुक्ति नहीं, एक जनम, मगन-मगन,! तन्मय विशेष कुछ न शेष. पूर्ण लीन, मात्र अनुरक्ति हो असीम तृप्ति, सिक्त मन-गगन एक जनम . धरा …