Category: Hindi Poems
माँ का दुःख maan ka duhkh कितना प्रामाणिक था उसका दुःख लड़की को दान में देते वक्त जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो लड़की अभी सयानी नहीं थी अभी …
ऐसा भी होगा Esa Bhi hoga तो थक जाता हूँ, कभी एकाध इच्छा थोडा चलकर तुम्हारे सिरहाने रख जाता हूँ। जब तुम्हारी आंख खुलती है, तो तुम उसे …
ऐसा हो जाता है Esa Ho Jata He जैसा आज हो गया मेरा सदा मुट्ठी में रहने वाला मन चीरकर मेरी अंगुलियां मेरे हाथ से निकल कर खो …
मैं जो हूँ Me jo Hu मैं जो हूँ मुझे वहीं रहना चाहिए यानी वन का वृक्ष खेत की मेड़ नदी की लहर दूर का गीत व्यतीत वर्तमान …
मन ने छाप लिया Man ne chap liya आँखों ने बस देखा भर था, मन ने उसको छाप लिया। रंग पंखुरी केसर टहनी नस-नस के सब ताने-बाने, उनमें कोमल …
घर की याद Ghar ki yaad बहुत पानी गिर रहा है, रात भर गिरता रहा है, प्राण मन घिरता रहा है, अब सवेरा हो गया है, कब सवेरा …
सुर-पाँखी Sur pankhi प्राणों के पिंजरे में पाला, साँस-साँस में गाया, बड़े जतन से वह सुर-पाँखी मेरे बस में आया। साँझ-सकारे मन-बंसी पर मैंने उसको टेरा, रसना की रेशमी …
दे दिया मैंने De Diya mene आज का यह दिन तुम्हें दे दिया मैंने आज दिन भर तुम्हारे ही ख़यालों में लगा मेला, मन किसी मासूम बच्चे-सा फिरा भटका …