Category: Hindi Poems
अपने आप में Apne Aap me एक ओछी चीज़ है समय चीज़ों को तोड़ने वाला मिटाने वाला बने-बनाए महलों मकानों देशों मौसमों और ख़यालों को मगर आज सुबह से …
सिन्धु-वेला Sindhu vela सिंधु-वेला । तप्त रेती पर पड़ा चुपचाप मोती सोचता है, आह! मेरा सीप, मेरा दूधिया घर, क्या हुआ, किसने उजाड़ा मुझे ज्वार आए, गए, जल-तल शाँत-निश्चल, …
अन्दाज़ Andaz कि घिरने वाले हैं बादल फटने वाला है आसमान ख़त्म हो जाने वाला है अस्तित्व सूर्य का इसी तरह सुनाई पड़ जाता है स्वर परिवर्तन के …
बात है शब्द नहीं हैं Bat he shabd nahi he बात है शब्द नहीं हैं कैसे खोल दूँ ग्रंथित मन!! तुम अधीर प्रान हुए कुछ सुनने को मर्म के …
पुकार कर Pukar kar कि घर के बाहर निकलो तुम्हारे बाहर आए बिना एक समूची जाति एक समूची संस्कृति हार रही है मुझे कोई हवा पुकार रही है। …
बाँध लिए अँजुरी में Bandh liya Anjuri me बाँध लिए अँजुरी में- जूही के फूल । मधुर गंध, मन की हर एक गली महक गई, सुखद परस, रग-रग में …
निरापद कोई नहीं है Rirapad koi nahi hai न तुम, न मैं, न वे न वे, न मैं, न तुम सबके पीछे बंधी है दुम आसक्ति की! आसक्ति …
नदी के साथ Nadi ke saath चलो, नदी के साथ चलें । नदी वत्सला है, सुजला है, इसकी धारा में अतीत का दर्प पला है, वर्तमान से छनकर यह …