Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “ Apne Aap me“ , “अपने आप में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अपने आप में Apne Aap me एक ओछी चीज़ है समय चीज़ों को तोड़ने वाला मिटाने वाला बने-बनाए महलों मकानों देशों मौसमों और ख़यालों को मगर आज सुबह से …

Hindi Poem of Ravindra Bharamar “Sindhu vela“ , “सिन्धु-वेला” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

सिन्धु-वेला  Sindhu vela सिंधु-वेला । तप्त रेती पर पड़ा चुपचाप मोती सोचता है, आह! मेरा सीप, मेरा दूधिया घर, क्या हुआ, किसने उजाड़ा मुझे ज्वार आए, गए, जल-तल शाँत-निश्चल, …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “ Andaz , “अन्दाज़” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अन्दाज़ Andaz   कि घिरने वाले हैं बादल फटने वाला है आसमान ख़त्म हो जाने वाला है अस्तित्व सूर्य का इसी तरह सुनाई पड़ जाता है स्वर परिवर्तन के …

Hindi Poem of Ravindra Bharamar “Bat he shabd nahi he“ , “बात है शब्द नहीं हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बात है शब्द नहीं हैं  Bat he shabd nahi he बात है शब्द नहीं हैं कैसे खोल दूँ ग्रंथित मन!! तुम अधीर प्रान हुए कुछ सुनने को मर्म के …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Pukar kar“ , “पुकार कर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पुकार कर  Pukar kar   कि घर के बाहर निकलो तुम्हारे बाहर आए बिना एक समूची जाति एक समूची संस्कृति हार रही है मुझे कोई हवा पुकार रही है। …

Hindi Poem of Ravindra Bharamar “Bandh liya Anjuri me“ , “बाँध लिए अँजुरी में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बाँध लिए अँजुरी में  Bandh liya Anjuri me बाँध लिए अँजुरी में- जूही के फूल । मधुर गंध, मन की हर एक गली महक गई, सुखद परस, रग-रग में …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Rirapad koi nahi hai“ , “निरापद कोई नहीं है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

निरापद कोई नहीं है  Rirapad koi nahi hai   न तुम, न मैं, न वे न वे, न मैं, न तुम सबके पीछे बंधी है दुम आसक्ति की! आसक्ति …

Hindi Poem of Ravindra Bharamar “Nadi ke saath “ , “नदी के साथ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नदी के साथ Nadi ke saath  चलो, नदी के साथ चलें । नदी वत्सला है, सुजला है, इसकी धारा में अतीत का दर्प पला है, वर्तमान से छनकर यह …