Category: Hindi Poems
अजीब सुब्ह थी दीवार ओ दर कुछ और से थे Ajeeb subah thi divar o dar kuch aur se the निगाह देख रही थी कि घर कुछ और से …
पंडित सरबेसर Pandit Sabesar सारे मूंह पर केसर थोपी सरबेसर तब चले बज़ार लड़के पीछे लगे हज़ार| पंडित जी ने मौका देखा कहा, दिखाओ हाथ की रेखा पास-फेल …
अजब यक़ीन उस शख़्स के गुमान में था Ajab yakeen us shakhsh ke guman me tha वो बात करते हुए भी नई उड़ान में था हवा भरी हुई फिरती …
महंगे–सस्ते Mahange saste पांच ब्राहान न्योते तब अरसराम, परसराम तुलसी, गंगा, सालगराम! अरसराम खाएँ अरसे तक परसराम खाएँ परसे तक तुलसी, तुलसीदल पर रहे गंगा, गंगाजल पर रहे! …
हमारा डूबना मुश्किल नहीं था Hamara Dubna mushkil nahi tha नज़र में दूर तक साहिल नहीं था कहाँ था गुफ़्तुगू करते हुए वो वो था भी तो सर-ए-महफ़िल नहीं …
धरती पर तारे Dharti par tare सारे के सारे आसमान के तारे टूट पड़े धरती के ऊपर झर-झर-झर-झर अगर तो बतलाओ क्या होगा? धरती पर आकाश बिछेगा किरणों …
यक़ीं से जो गुमाँ का फ़ासला है Yaki se jo guma ka fasala he ज़मीं से आसमाँ का फ़ासला है हवा-पैमाई की ख़्वाहिश है इतनी कि जितना बादबाँ का …
कवि Kavi और मन की बात बिलकुल ठीक कह एकाध यह कि तेरी-भर न हो तो कह, और बहते बने सादे ढंग से तो बह. जिस तरह हम …