Category: Hindi Poems

Hindi Poem of Tabish Kamal “Kab Khulega ki Falak paar se aage kya he“ , “कब खुलेगा कि फ़लक पार से आगे क्या है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कब खुलेगा कि फ़लक पार से आगे क्या है Kab Khulega ki Falak paar se aage kya he किस को मालूम कि दीवार से आगे क्या है एक तुर्रा …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Pashchatap“ , “पश्चाताप” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पश्चाताप  Pashchatap   सूने में से चुन लाया क्या करते तुम अकेले झेलते झमेले हवा के थोड़ी देर हिलते डुलते उसके इशारों पर और शायद फिर बिखर जाते यों …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Mangal Varsha“ , “मंगल-वर्षा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मंगल-वर्षा  Mangal Varsha   हरियाली छा गयी, हमारे सावन सरसा री| बादल आये आसमान मे,धरती फूली री, अरी सुहागिन, भरी मांग में भूली -भूली री, बिजली चमकी भाग सखी …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Tutne ka such“ , “टूटने का सुख” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

टूटने का सुख  Tutne ka such   बहुत प्यारे बन्धनों को आज झटका लग रहा है, टूट जायेंगे कि मुझ को आज खटका लग रहा है, आज आशाएं कभी …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Pralay“ , “प्रलय” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रलय  Pralay   मिट (मत) रहेगी झोपड़ी, मिट जायेंगे नीलम-निलय भी| सात है सागर   किसी दिन फैल  एकाकार होंगे, पंच तत्वों मे गये बीते बिचारे चार होंगें, धार मे …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “ Asadharan“ , “असाधारण” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

असाधारण Asadharan   प्यासे को चैन दे; सूखे हुए अधरों को फिर से जो बैन दे ऐसा सभी पानी है| लहरों के आने पर, काई-सा फटे नहीं; रोटी के …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Itne bahut se vasant ka“ , “इतने बहुत–से वसंत का” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इतने बहुत–से वसंत का  Itne bahut se vasant ka   क्या होगा मेरे पास एक फूल है इन रोज़–रोज़ के तमाम सुखों का क्या होगा मेरे पास एक भूल …

Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Pani ko kya sujhi“ , “पानी को क्या सूझी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पानी को क्या सूझी  Pani ko kya sujhi   नदी के किनारे पर गया तो क्या जाने पानी को क्या सूझी पानी ने मुझे बूँद–बूँद पी लिया और मैं …