Category: Hindi Poems
कब खुलेगा कि फ़लक पार से आगे क्या है Kab Khulega ki Falak paar se aage kya he किस को मालूम कि दीवार से आगे क्या है एक तुर्रा …
पश्चाताप Pashchatap सूने में से चुन लाया क्या करते तुम अकेले झेलते झमेले हवा के थोड़ी देर हिलते डुलते उसके इशारों पर और शायद फिर बिखर जाते यों …
मंगल-वर्षा Mangal Varsha हरियाली छा गयी, हमारे सावन सरसा री| बादल आये आसमान मे,धरती फूली री, अरी सुहागिन, भरी मांग में भूली -भूली री, बिजली चमकी भाग सखी …
टूटने का सुख Tutne ka such बहुत प्यारे बन्धनों को आज झटका लग रहा है, टूट जायेंगे कि मुझ को आज खटका लग रहा है, आज आशाएं कभी …
प्रलय Pralay मिट (मत) रहेगी झोपड़ी, मिट जायेंगे नीलम-निलय भी| सात है सागर किसी दिन फैल एकाकार होंगे, पंच तत्वों मे गये बीते बिचारे चार होंगें, धार मे …
असाधारण Asadharan प्यासे को चैन दे; सूखे हुए अधरों को फिर से जो बैन दे ऐसा सभी पानी है| लहरों के आने पर, काई-सा फटे नहीं; रोटी के …
इतने बहुत–से वसंत का Itne bahut se vasant ka क्या होगा मेरे पास एक फूल है इन रोज़–रोज़ के तमाम सुखों का क्या होगा मेरे पास एक भूल …
पानी को क्या सूझी Pani ko kya sujhi नदी के किनारे पर गया तो क्या जाने पानी को क्या सूझी पानी ने मुझे बूँद–बूँद पी लिया और मैं …